Soyabean ke bhavSoyabean ke bhav 2024

Soyabean ke bhav देश की इन मंडियो में सोयाबीन के भाव में 22 जनवरी के बाद आएगी जोरदार तेजी नया नियम लागू.

Soyabean ke bhav : देश की इन मंडियो में सोयाबीन के भाव में 22 जनवरी के बाद आएगी जोरदार तेजी नया नियम लागू.

Soyabean ke bhav : 26 जनवरी के बाद देश में सोयाबीन की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल सकती है। 26 जनवरी के बाद सोयाबीन की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल सकती है। हम बात करेंगे तेजी से बढ़ती मंदी की रिपोर्ट के बारे में लेकिन उससे पहले मध्य प्रदेश के सोयाबीन प्लांट और सोयाबीन के भाव के बारे में जान लीजिए.

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Soyabean ke bhav 2024

सोयाबीन की खेती को मूंगफली वाली खेती कहा जाता है। पीले के सोने का नाम सोयाबीन अब किसानों के लिए खराब नहीं हो रहा है। इसकी प्रमुख कीमत में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी होती रहती है और भाव में लगातार कमी आती रहती है। सोयाबीन के भाव पिछले साल से रुकें अब तक कम बने हैं।

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यही नहीं सोयाबीन का मौजूदा भाव पिछले साल की तुलना में भी कम है जबकि पिछले साल की तुलना में इस साल लागत बढ़ गई है। हाल ही में अमेरिकी कृषि विभाग ने सोयाबीन उत्पादन की वैश्विक रिपोर्ट जारी की है, इसके बाद सोयाबीन में और अधिक गिरावट के संकेत मिलने लगे हैं। आइए जानते हैं सोयाबीन के भाव सोयाबीन के भाव इस रिपोर्ट का क्या असर पड़ता है सोयाबीन के वर्तमान प्लांट भाव पर.

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एक नज़र,सोयाब के वर्तमान भाव पर

इस समय सोयाबीन भाव सोयाबीन के भाव 4500 से 4850 रुपये के चल रहे हैं। किसानों को दो साल से मुनाफ़ा वाले भाव से मुलाकात नहीं हुई, सोयाबीन स्टोर हो गया। जिसमें धन की जरूरत थी, उन्होंने भाव में बेच दिया। दीपावली महोत्सव के बाद सीधे 500 रुपये की भारी मंदी का व्यापार पलट दिया गया। सरकार किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए समर्थन मूल्य में वृद्धि करती है।

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सोयाबीन के भाव यह उपज की लागत से गुना अधिक होता है। अब सोयाबीन के ताज़ा सपोर्ट डैम 4600 रुपये मूल्यवान के तय हैं। किसानों को इस समय का लाभ नहीं दे रहे। ऐसे में आगामी दिवस पर रोक के दावे पर कोई निर्णय नहीं होने से मंडी आवक में भी कमी आ गई है। दिसंबर में तेज-मंदी नहीं होती। जनवरी में बाजार पर ही भाव का रुख पता चला।

भाव कम तो आवक कम हुई

मध्य प्रदेश की मंडियों में हल्की आवक कम है, जबकि महाराष्ट्र के किसान सोयाबीन के

भाव की बिक्री लगातार कर रहे हैं। संभावना है कि यह पहला अवसर होगा,

जबकि महाराष्ट्र के बजाय मध्य प्रदेश में आवक अधिक मात्रा में हो रही है।

राजस्थान, कांडोला में सोया तेल का भाव अधिक है, जबकि महाराष्ट्र में सबसे कम।

फिर भी उसे ग्राहकी की कमी बनी हुई है। यही कारण है

कि मंडियों में किसानों ने सोयाबीन की आवक कम कर दी है।

सोयाबीन के भाव व्यापारी अमर अग्रवाल ने बताया कि सोयाबीन के भाव कम हो गए हैं।

तीन भाव पर अब स्टॉक वाले भी आ जाओ। सोयाबीन का व्यापार तो रिस्की बन चुका है।

तेल सस्ता होने से तेल का जमाव सबसे ज्यादा हो गया। सिद्धांत से जुड़ना भी शामिल है।

बताया गया है कि लोकल में माल का भरवा होने के साथ ग्राहकों की कमी हो गई है।

इसी कारण से भावों में एक दिन गिरावट आ रही है।

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